संवाददाता - बागी न्यूज 24 आजमगढ़ । ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनिय...
संवाददाता - बागी न्यूज 24
आजमगढ़ । ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर संगठन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के प्रदेश व्यापी आन्दोलन के आह्वान पर आज मंगलवार आजमगढ़ के विद्युत कर्मचारियों, अभियन्ता अधिकारियों, अवर अभियन्ताओ, तकनीकी कर्मचारियों एवं विद्युत संविदा कर्मचारियों ने कार्यालय समय के बाद सायंकाल 05ः00 बजे विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर हाइडिल कालोनी, सिधारी, आजमगढ़ से विशाल मोटर साइकिल रैली का आयोजन किया जिसमें बाइक रैली हाइडिल कालोनी सिधारी से प्रस्थान करते हुए शंकर तिराहा, सिधारी नया पुल, रैदोपुर, एलवल, बड़ादेव, नगर पालिका चौराहा, कलेक्ट्रेट, चर्च चौराहा से नरौली होते हुए सिधारी हाइडिल कालोनी पर समाप्त हुई जिसमें विद्युत विभाग के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं रैली के माध्यम से उ0प्र0 विद्युत विभाग के दो बड़े डिस्काम (पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के पी0पी0पी0 मॉडल के आधार पर निजीकरण के विरोध में नारे लगाये गये। पूर्वान्चल एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण किये जाने का जबरदस्त विरोध करते हुए निर्णय लिया कि किसी भी हालत में हम निजीकरण नहीं होने देंगे। ऊर्जा प्रबन्धन बिजली का निजीकरण कर प्रदेश की जनता, विद्युत उपभोक्ताओं को मोमबत्ती-लालटेन युग में लाने का प्रयास कर रहा है तथा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन प्रबन्धन औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बना रहा है। उक्त रैली के माध्यम से जन समर्थन को एकत्रित कर एक संघ शक्ति के रूप में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिये जाने हेतु जन जागरण किया गया, जिसमें विद्युत विभाग के समस्त अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक प्रभु नारायण पाण्डेय ‘प्रेमी द्वारा कहा गया कि निजीकरण के बाद विद्युत कर्मियों की बड़े पैमाने पर छंटनी होगी एवं सेवा शर्तें प्रभावित होंगी, जिसके फलस्वरूप विद्युत विभाग में रोजगार के अवसर समाप्त हो जायेंगे एवं कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य अन्धकारमय हो जायेगा। निजीकरण के बाद आम जनता को प्राप्त होने वाली बिजली दर में भी काफी वृद्धि हो जायेगी जिससे आम जनमानस एवं प्रदेश के किसानों को बाध्य होकर महँगी बिजली खरीदनी पड़ेगी एवं आम जनता के दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं के मूल्य में भी काफी वृद्धि होगी क्यों कि लगभग प्रत्येक उद्योग बिजली से ही संचालित होता है।विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर संगठन एवं विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के समस्त सदस्यों में निजीकरण को लेकर काफी रोष व्याप्त है। प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमन्त्री जी से यह अनुरोध है कि निजीकरण के प्रस्ताव को व्यापक जनहित में निरस्त करने की महती कृपा करें।।
आजमगढ़ । ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर संगठन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के प्रदेश व्यापी आन्दोलन के आह्वान पर आज मंगलवार आजमगढ़ के विद्युत कर्मचारियों, अभियन्ता अधिकारियों, अवर अभियन्ताओ, तकनीकी कर्मचारियों एवं विद्युत संविदा कर्मचारियों ने कार्यालय समय के बाद सायंकाल 05ः00 बजे विश्व मजदूर दिवस के अवसर पर हाइडिल कालोनी, सिधारी, आजमगढ़ से विशाल मोटर साइकिल रैली का आयोजन किया जिसमें बाइक रैली हाइडिल कालोनी सिधारी से प्रस्थान करते हुए शंकर तिराहा, सिधारी नया पुल, रैदोपुर, एलवल, बड़ादेव, नगर पालिका चौराहा, कलेक्ट्रेट, चर्च चौराहा से नरौली होते हुए सिधारी हाइडिल कालोनी पर समाप्त हुई जिसमें विद्युत विभाग के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं रैली के माध्यम से उ0प्र0 विद्युत विभाग के दो बड़े डिस्काम (पूर्वान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) के पी0पी0पी0 मॉडल के आधार पर निजीकरण के विरोध में नारे लगाये गये। पूर्वान्चल एवं दक्षिणान्चल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण किये जाने का जबरदस्त विरोध करते हुए निर्णय लिया कि किसी भी हालत में हम निजीकरण नहीं होने देंगे। ऊर्जा प्रबन्धन बिजली का निजीकरण कर प्रदेश की जनता, विद्युत उपभोक्ताओं को मोमबत्ती-लालटेन युग में लाने का प्रयास कर रहा है तथा उ0प्र0 पावर कारपोरेशन प्रबन्धन औद्योगिक अशान्ति का वातावरण बना रहा है। उक्त रैली के माध्यम से जन समर्थन को एकत्रित कर एक संघ शक्ति के रूप में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिये जाने हेतु जन जागरण किया गया, जिसमें विद्युत विभाग के समस्त अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक प्रभु नारायण पाण्डेय ‘प्रेमी द्वारा कहा गया कि निजीकरण के बाद विद्युत कर्मियों की बड़े पैमाने पर छंटनी होगी एवं सेवा शर्तें प्रभावित होंगी, जिसके फलस्वरूप विद्युत विभाग में रोजगार के अवसर समाप्त हो जायेंगे एवं कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य अन्धकारमय हो जायेगा। निजीकरण के बाद आम जनता को प्राप्त होने वाली बिजली दर में भी काफी वृद्धि हो जायेगी जिससे आम जनमानस एवं प्रदेश के किसानों को बाध्य होकर महँगी बिजली खरीदनी पड़ेगी एवं आम जनता के दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं के मूल्य में भी काफी वृद्धि होगी क्यों कि लगभग प्रत्येक उद्योग बिजली से ही संचालित होता है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इन्जीनियर संगठन एवं विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के समस्त सदस्यों में निजीकरण को लेकर काफी रोष व्याप्त है। प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमन्त्री जी से यह अनुरोध है कि निजीकरण के प्रस्ताव को व्यापक जनहित में निरस्त करने की महती कृपा करें।।
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