चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण सभा ने अर्पित किया श्रद्धासुमन संवाददाता - बागी न्यूज 24 आजमगढ़। क्रांतिवीर सेनानी ...
संवाददाता - बागी न्यूज 24
आजमगढ़। क्रांतिवीर सेनानी चंद्रशेखर आजाद के 119वें जयंती के मौके पर नगर के हर्रा की चुंगी स्थित उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण सभा द्वारा श्रद्धासुमन अर्पित किया गया और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की गई। जयंती को संबोधित करते हुए सभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने कहाकि चन्द्रशेखर आजाद की आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका रही। उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पहली बार ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। जब उनसे नाम पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि नाम आजाद, पिता का नाम स्वतंत्रता और पता जेल यहीं से उन्हें “आजाद” नाम मिला। इसी के बाद उन्होंने युवा क्रांतिकारियों की टीम तैयार किया जिसमें भगत सिंह भी शामिल थे। 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में जब वे पुलिस से घिर गए तो उन्होंने खुद को गोली मार ली। उन्होंने कसम खाई थी कि अंग्रेज उन्हें जिंदा नहीं पकड़ सकेंगे, उनको आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद करती रहेंगी और नमन करती रहेंगी। ऐसे क्रांतिकारी जज्बे के मां भारती के अमर सपूतों ने सदैव हमें जीवन को एक नया आयाम तक पहुंचाने की प्रेरणा दी है।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय ने कहाकि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भावरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था। बचपन से ही वे साहसी और आत्मसम्मान से भरे हुए थे। एक बार आम तोड़ने पर माली से माफी मांगने के लिए कहा गया लेकिन वे माफी न मांगकर घर ही छोड़ गए। अंत में समाजसेवी गोविन्द दुबे ने कहाकि हर्रा की चुंगी पर उनकी प्रतिमा जिस तरह से उपेक्षित है यह दुखद है, उन्होंने प्रशासन से प्रतिमा का कायाकल्प कराने की पूरजोर मांग किया। संचालन जिलाध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय ने किया। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में कन्हैया पाण्डेय, अवनीश पांडेय, श्रीराम मिश्रा, संजय दूबे, अमित दुबे, गणेश पाण्डेय, सुजीत मिश्रा, पद्माकर पाठक, अरविन्द पाण्डेय, सत्यप्रकाश पाण्डेय, जयराम आदि शामिल रहे।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रदेश अध्यक्ष शर्मानंद पांडेय ने कहाकि चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के भावरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था। बचपन से ही वे साहसी और आत्मसम्मान से भरे हुए थे। एक बार आम तोड़ने पर माली से माफी मांगने के लिए कहा गया लेकिन वे माफी न मांगकर घर ही छोड़ गए। अंत में समाजसेवी गोविन्द दुबे ने कहाकि हर्रा की चुंगी पर उनकी प्रतिमा जिस तरह से उपेक्षित है यह दुखद है, उन्होंने प्रशासन से प्रतिमा का कायाकल्प कराने की पूरजोर मांग किया। संचालन जिलाध्यक्ष अभिषेक पाण्डेय ने किया। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में कन्हैया पाण्डेय, अवनीश पांडेय, श्रीराम मिश्रा, संजय दूबे, अमित दुबे, गणेश पाण्डेय, सुजीत मिश्रा, पद्माकर पाठक, अरविन्द पाण्डेय, सत्यप्रकाश पाण्डेय, जयराम आदि शामिल रहे।
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