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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का धरना जारी

  संवाददाता - बागी न्यूज 24   आजमगढ़। निजीकरण के लिए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का तय किया गया मानक पूर्णतया असंवैधानिक,निजीकरण की प...

 

संवाददाता - बागी न्यूज 24  

आजमगढ़। निजीकरण के लिए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का तय किया गया मानक पूर्णतया असंवैधानिक,निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त करने की मांगरू असंवैधानिक प्रक्रिया निरस्त करने हेतु मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील’ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, आजमगढ़ ने निजीकरण के लिए तय किए गए मानक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट को असंवैधानिक बताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से अपील की है कि निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जाए जिससे निजीकरण के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले को रोका जा सके।

        संघर्ष समिति ने कहा कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट टर्म इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में धारा 63 के अंतर्गत केवल ट्रांसमिशन और जेनरेशन की प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने अभी तक विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट फाइनल नहीं किया है । सितंबर 2020 में जारी किए गए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट पर सैकड़ो आपत्ति आई है और अभी तक उनका निस्तारण नहीं किया गया है । खुद ऊर्जा मंत्रालय का कहना है की स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय का व्यू प्वाइंट नहीं है।  
         संघर्ष समिति ने कहा कि विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 63 में कोई उल्लेख नहीं है अतः यह पूरी तरह असंवैधानिक है।
      संघर्ष समिति ने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के ड्राफ्ट के पैरा 2.2.7 में लिखा है राज्य सरकार निजी कंपनी को सब्सिडाइजड दरों पर बिजली देगी जिससे निजी कंपनी को मुनाफा हो सके। संघर्ष समिति ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार महंगी दरों पर बिजली खरीद कर सस्ती कीमत पर निजी कंपनी को उपलब्ध कराएगी और  भारी नुकसान उठाएगी। यह आगरा के निजीकरण जैसा होगा जिसका खामियाजा आज तक पॉवर कारपोरेशन भुगत रहा है।
     संघर्ष समिति ने कहा कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के पैरा 2.2.6 में लिखा है कि सरकारी विद्युत वितरण निगम की पूरी जमीन मात्र एक रुपए मासिक पर निजी कंपनी को दी जाएगी। इससे बड़ी कोई लूट नहीं हो सकती जिसमें अरबों खरबों रुपए की जमीन निजी कंपनी को मात्र एक रुपए में दी जाएगी। संघर्ष समिति ने कहा कि ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के पैरा 1.1 में लिखा है कि निजी कंपनी को क्लीन बैलेंस शीट दी जाएगी। सरकारी वितरण निगम के संकलित घाटे और देनदारियों का वहन सरकार करेगी। संघर्ष समिति ने कहा कि यदि सरकार अभी घाटे और देनदारियों का वाहन कर ले तो सरकारी विद्युत वितरण निगम मुनाफे में आ जाएंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट पूरी तरह से निजी कंपनी को बेजा मुनाफा कमाने और सरकारी क्षेत्र की बिजली की लाखों करोड़ों रुपए की संपत्तियों को कौड़ियों के दाम बेचने के लिए बनाया गया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस ड्राफ्ट पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कर रखी है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने अभी तक किसी आपत्ति को खारिज नहीं किया है और इस ड्राफ्ट को फाइनल नहीं किया है। अतः एनर्जी टास्क फोर्स द्वारा इस ड्राफ्ट को निजीकरण का मानक बनाने का निर्णय पूरी तरह अवैधानिक है। निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल निरस्त की जानी चाहिए।

"BAGI News 24" Chief Editor Abdul Kaidir "Baaghi", Bureau Office –District Cooperative Federation Building, backside Collectorate Police Station, Civil Line, Azamgarh, Uttar Pradesh, India, Pin Number – 276001 E-mail Address – baginews24@gmail.com, Mobile Number - +91 9415370695













 


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