संवाददाता - बागी न्यूज 24 आजमगढ़। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में सुरक्षित इंटरनेट दिवस के अवसर पर सा...
संवाददाता - बागी न्यूज 24
आजमगढ़। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में सुरक्षित इंटरनेट दिवस के अवसर पर साइबर जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गयी।
इस अवसर पर डीआईओ एनआईसी चन्दन यादव एवं साइबर क्राइम से ओम प्रकाश जायसवाल द्वारा उपस्थित सभी लोगों को बताया गया कि एक डिजिटल युग में सिर्फ एक क्लिक से अवसरों के अथवा खतरों के दरवाजे खुल सकते हैं। सुरक्षित इंटरनेट दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो वैश्विक रूप से मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य आनलाइन सुरक्षा और डिजिटल कल्याण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होने बताया कि साइबर स्वच्छता एक ऐसी प्रक्रिया है, जो व्यक्तियों को उनके उपकरणों और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा बनाये रखने में मदद करती है। जैसे आप कीटाणुओं से बचने के लिए हाथ धोते हैं, वैसे ही साइबर स्वच्छता में आपकी आनलाइन आदतों को साफ करना शामिल है, ताकि आप अपनी डिजिटल जिंदगी को सुरक्षित रख सकें। अच्छी साइबर स्वच्छता से फिशिंग, हैकिंग और मैलवेयर जैसी चीजों से आपके व्यक्तिगत खातों और उपकरणों को प्रभावित होने से रोका जा सकता है। साइबर स्वच्छता के लिए फोन में आसान पासवर्ड का उपयोग करने से बचें, इसके बजाय अक्षरों, संख्याओं और प्रतीकों का मिश्रण करके मजबूत पासवर्ड बनायें। दो चरणीय प्रमाणिकता सुरक्षा की एक अतिरिक्त स्तर जोड़ता है, जिसमें आपको एक दूसरा पासवर्ड जैसे आपके फोन पर भेजा गया कोड, के माध्यम से अपनी पहचान सत्यापित करनी होती है। अपने डिवाइस को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बायोमेट्रिक्स (उंगलियों के निशान या चेहरा पहचान) या एक मजबूत पिनध्पासवर्ड का उपयोग करें। उन्होने बताया कि फोन में केवल विश्वसनीय श्रोतों से ही ऐप्स डाउनलोड करें। अनौपचारिक श्रोतों से ऐप्स में मैलवेयर हो सकता है या वे आपका डेटा चुराने के लिए डिजाइन किये जा सकते हैं।
सुरक्षित कनेक्शन का उपयोग करें। जब सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करें, तो संवेदनशील खातों, जैसे आनलाइन बैंकिंग तक पहंुचने से बचें। किसी भी लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट डाउनलोड करने से पहले हमेशा ईमेल के श्रोतों की पुष्टि करें। नियमित अपडेट सुरक्षा की खामियों को ठीक करता है, जिन्हें बुरे लोग हैक कर सकते हैं। इसके साथ ही कभी भी कॉल्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, आधार, पैन या बैंक विवरण साझा न करें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी आनलाईन या सोशल मीडिया पर साझा न करें और अपनी डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखें। अनियंत्रित आधार भुगतान सूचनाओं से सतर्क रहें। कभी भी अज्ञात नंबरों से आने वाले लिंक पर क्लिक न करें, जो केवाईसी अपडेट के बहाने आपकी संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए निवेदन करें।
विशेषज्ञ साइबर सेल एक्सपर्ट हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश जायसवाल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता, अगर ऐसा कोई वीडियो कॉल या फोन कॉल आता है तो आप अलर्ट हो जाएं, क्योंकि ये लोग साइबर अपराधी होते हैं और झांसा देकर लोगों को ठगने का काम करते हैं। सोशल मीडिया पर आप अपना पॉसवर्ड बहुत ही सिंपल न रखें, उसे स्पेशल कैरेक्टर का यूज करते हुए बनाएं, ताकि वह स्ट्रांग रहे और कोई हैक न कर सके। किसी भी प्रकार की साइबर फ्रॉड संबंधी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन करें या फिर साइबर अपराध की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में या ऑफिसियल वेबसाइट ूूू.बलइमतबतपउम.हवअ.पद पर शिकायत दर्ज करें।
कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी वि0,रा0 आजाद भगत सिंह, उप कृषि निदेशक मुकेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी, मो0 अबूशाद अहमद (एसआई) सहित संबंधित अधिकारीगण एवं अन्य संबंधित उपस्थित रहे।
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