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काकोरी ट्रेन एक्शन से दहशत में आ गयी थी अंग्रेजी हुकूमत : डॉ प्रवेश सिंह

            रौलेट ऐक्ट की प्रतिक्रिया था काकोरी ट्रेन एक्शन   संवाददाता - बागी न्यूज 24     आजमगढ़। श्री दुर्गा जी स्तानकोत्तर महाविद्यालय...

 

          रौलेट ऐक्ट की प्रतिक्रिया था काकोरी ट्रेन एक्शन  

संवाददाता - बागी न्यूज 24   

आजमगढ़। श्री दुर्गा जी स्तानकोत्तर महाविद्यालय चंडेश्वर में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह का आयोजन अध्यक्ष प्रो. मधुबाला राय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. संतोष कुमार सिंह मौजूद रहे।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो. संतोष कुमार सिंह ने कहाकि काकोरी ट्रेन एक्शन को याद करते हुए कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन के दौरान क्रांतिकारियों ने रणनीति बनाकर भारत का पैसा जो ब्रिटेन ले जाया जा रहा था उसे रोककर भारत की क्रांति में धन का उपयोग किया, यहीं एक्शन अंग्रेजी हुकूमत के लिए आखिरी कील साबित हुई।
डॉ. प्रवेश सिंह ने कहाकि समूचे क्रांतिकारी आंदोलन के पीछे अंग्रेजी हुकूमत का बर्बर रौलेट एक्ट कानून की प्रतिक्रिया थी। अन्यथा असहयोग आंदोलन के माध्यम से ये गरम दल के नेता नरम दल के नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे  बढ़ रहे थे। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में शाहजहांपुर में बैठक हुई जिसमें समवेत स्वर में यह निर्णय लिया गया कि यह अंग्रेजी हुकूमत असहयोग आंदोलन रूपी शांति पाठ की भाषा यानी अहिंसक रूप से किए जा रहे आंदोलन से सुधरने वाली नहीं है इसके लिए हमें हथियार उठाना पड़ेगा हथियार के लिए पैसे चाहिए। पंडित बिस्मिल जी ने कहा मैंने यह निर्णय लिया है कि 9 अगस्त 1925 को लखनऊ जिले के काकोरी रेलवे स्टेशन से जब आठ डॉउन  सहारनपुर लखनऊ पैसेंजर ट्रेन गुजरे तो उसकी चेन पुलिंग कर अंग्रेजी हुकूमत का सरकारी खजाना लूट लिया जाए जिससे हमारे संगठन हिंदुस्तानी पब्लिक संगठन की आर्थिक तंगी दूर हो सके। अंग्रेजी हुकूमत ने लगभग 40 क्रांतिकारी पर सम्राट के विरुद्ध युद्ध छेड़ने सरकारी खजाना लूटने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।
अध्यक्षता कर रही प्रो0 मधुबाला राय ने कहाकि घटना में बिना सुनवाई के ही वीरों को फांसी की सजा सुना दी गई थी और नियत दिन से एक दिन पहले ही फांसी देकर उस समय की हुकूमत ने कायरता दिखाई थी। उन्होने कहा कि एक्शन में शामिल कुछ वीर सपूतों को फांसी हुई, जबकि कुछ को कालापानी की सजा हुई। इन सभी को अंग्रेजों ने तमाम प्रलोभन दिए मगर इनका एक ही जवाब था, ’जीवन पुष्प चढा चरणों पर, मांगे मातृभूमि से यह वर। तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें।’ इसी संकल्प के साथ खुद को बलिदान करना स्वीकार किया मगर हार नहीं मानी। आज आजादी इन्हीं शहीदों के बलिदान का परिणाम है।
समारोह में डॉ. अजीत प्रताप सिंह, डॉ. इन्द्रजीत, डॉ. हर्ष गौतम, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. चन्द्र विकास मौर्य, डॉ. बृजेश, डॉ. सर्वेश, डॉ. फखरे आलम, डॉ0 सत्येन्द्र, डॉ. आरपी कौशल, डॉ. सुनील कुमार सहित विद्यालय की छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

"BAGI News 24" Chief Editor Abdul Kaidir "Baaghi", Bureau Office –District Cooperative Federation Building, backside Collectorate Police Station, Civil Line, Azamgarh, Uttar Pradesh, India, Pin Number – 276001 E-mail Address – baginews24@gmail.com, Mobile Number - +91 9415370695









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