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स्व.उदादेवी पासी को 1857 के दलित वीरांगना के रूप में जाना जाता है - नजम शमीम

                      स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. उदादेवी पासी की पुण्यतिथि मनाई गई   संवाददाता - बागी न्यूज 24                        ...

 

                    स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. उदादेवी पासी की पुण्यतिथि मनाई गई  

संवाददाता - बागी न्यूज 24                                                   

आज़मगढ़ | शहर कांग्रेस कमेटी, द्वारा गुलामी का पूरा स्थित कार्यालय पर आज मोहम्मद नजम शमीम की अध्यक्षता में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.उदादेवी पासी जी की पुण्यतिथि मनाई गई! सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनके छायाचित्र पर फूल डालकर श्रद्धांजलि अर्पित की स्व.उदादेवी पासी का जन्म 30 जून 1830 में लखनऊ उत्तर प्रदेश में उजरिया गांव मे एक पासी परिवार मे हुआ था जो आज गोमतीनगर से जाना जाता है उन्हें अंग्रेजों के ख़िलाफ़ 1857 मे भारतीय विद्रोह और दलित वीरांगना के रूप में जाना जाता है उनकी शादी मक्का पासी से हुई थी जो बेगम हज़रत महल की सेना में एक सैनिक थे और एक महान पहलवान थे,ब्रिटिश प्रशासन के प्रति भारतीय लोगों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए, ऊदादेवी जी ने उस जिले की रानी बेगम हज़रत महल से युद्ध में भर्ती होने का अनुरोध किया। युद्ध की तैयारी के लिए, बेगम ने अपनी कमान के तहत एक महिला बटालियन बनाने में उनकी मदद की।जब अंग्रेजों ने अवध पर हमला किया, तो ऊदा देवी और उनके पति दोनों ही सशस्त्र प्रतिरोध का हिस्सा थे। जब उन्हें पता चला कि उनके पति युद्ध में मारे गए हैं, तो उन्होंने पूरी ताकत से अपना अंतिम अभियान शुरू कर दिया।वह  एक भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ भारतीय सैनिकों की ओर से युद्ध में भाग लिया था!वह अवध के छठे नवाब वाजिद अली शाह की महिला दस्ते की सदस्य थीं। उदादेवी जी ने नवंबर 1857 में सिकंदर बाग की लड़ाई में हिस्सा लिया था। अपनी बटालियन को निर्देश देने के बाद, वह एक पीपल के पेड़ पर चढ़ गईं और आगे बढ़ते ब्रिटिश सैनिकों पर गोली चलाना शुरू कर दिया।उन्होंने 36 अंग्रेजी सैनिकों को मार गिराया जब एक ब्रिटिश अधिकारी ने देखा कि कई हताहतों के शरीर पर गोली के घाव थे जो नीचे की ओर जाने वाले तीव्र प्रक्षेपवक्र का संकेत देते थे। उसने एक छिपे हुए स्नाइपर का संदेह किया और अपने अधिकारियों को पेड़ों पर गोली चलाने का आदेश दिया सैनिकों ने गोली चलाना शुरू कर दिया जिससे उनको गोली लगी और वह ज़मीन पर गिर गई। जांच हुई तो पता चला पेड़ से गिरे स्नाइपर का नाम उदादेवी पासी है जो शहीद हो चुकी थी। तब उनकी उम्र 27 साल की थी और तारीख 16 नवंबर 1857 थी और स्थान सिकंदर बाग लखनऊ था विलियम फोर्ब्स-मिशेल ने रेमिनिसेंस ऑफ़ द ग्रेट म्यूटिनी में उदादेवी के बारे में लिखा है वह भारी पुराने पैटर्न वाली घुड़सवार पिस्तौल की एक जोड़ी से लैस थी, जिसमें से एक अभी भी उनकी बेल्ट में भरी हुई थी,और उनकी थैली में अभी भी गोला-बारूद से लगभग आधी भरी हुई थी, जबकि पेड़ पर अपने बसेरे से, जिसे हमले से पहले सावधानी से तैयार किया गया था,उन्होंने तीन दर्जन सैनिकों को मार डाला था। नजम शमीम ने कहा की हमारे देश की महिलाओं को उदादेवी पासी जी के त्याग, तपस्या और बलिदान को पढ़ना चाहिए और प्रेरणा लेनी चाहिये की एक दलित वर्ग की महिला ने उनके पति को अंग्रेजों द्वारा शहीद कर दिए जाने के बाद अपने आप को संतुलित रखते हुए सिकंदर बाग लखनऊ में 1857 की जंग मे हिस्सा लिया और और पीपल के पेड़ के ऊपर चढ़कर 36 अंग्रेजी सैनिकों को ढेर किया और शहीद हो गई हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं है शहर महासचिव रेयाजुल हसन ने कहा की आज सत्तारूढ़ दल जिस तरह से जातियों धर्मों को आपस में लड़ा रहा है अगर ऐसी मानसिकता स्वाधीनता आंदोलन में जनता के मस्तिष्क में भर दी जाती तो शायद आज देश आजाद नहीं होता लेकिन इतिहास हमारे देश के लिए बहुत ही अच्छा आदर्श देता है उसी में से एक उदादेवी पासी जी की भी जीवन गाथा है पूजा देवी जी अवध के छठे नवाब वाजिद अली शाह की सैनिक थी उनके पति मक्का पासी पहले से बेगम हजरत महल की सेना में सैनिक थे अपने पति के शहीद होने के बाद वह बेगम हजरत महल की सेना में शामिल होने का आग्रह किया और बेगम हजरत महल ने उनके आग्रह पर अपनी सेना की टुकड़ी में महिला सेना को भी शामिल किया और 1857 के विद्रोह में शामिल हुई और अंग्रेजों से लोहा लेते समय शहीद हुईं! हम इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं युवक कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र यादव ने कहा उदादेवी जी ने देश को बताया कि महिला कितनी सशक्त और क्रांतिकारी होती है महिलाओ को कम नहीं आंकना चाहिए हम इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं
कार्यक्रम में सर्वश्री मोहम्मद नजम शमीम, शाहिद खान, मिर्ज़ा बरकत उल्लाह बेग , रेयाजुल हसन, गोविंद शर्मा,धर्मेंद्र यादव,मुशीर अहमद, बालचंद राम, नसीम अहमद,नसर,मो अशहद, मो. हबीब, पंकज, शमीम अहमद आदि लोग उपस्थित रहे ! 

"BAGI News 24" Chief Editor Abdul Kaidir "Baaghi", Bureau Office –District Cooperative Federation Building, backside Collectorate Police Station, Civil Line, Azamgarh, Uttar Pradesh, India, Pin Number – 276001 E-mail Address – baginews24@gmail.com, Mobile Number - +91 9415370695













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