निस्वां कालेज के पास से अंजुमनों ने निकाला जुलूस, रास्ते भर पेश किया नातिया कलाम शहर में बनाए गए स्वागत द्वार, अंजुमनों को द...
निस्वां कालेज के पास से अंजुमनों ने निकाला जुलूस, रास्ते भर पेश किया नातिया कलाम
शहर में बनाए गए स्वागत द्वार, अंजुमनों को दिए गए उपहार
संवाददाता - बागी न्यूज 24
आजमगढ़। जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) का त्योहार शहर में सोमवार को उत्साह के साथ मनाया गया। शहर की दो दर्जन से ज्यादा अंजुमनों ने जुलूस निकाला और इस दौरान नातिया कलाम पेश करने के साथ अमन-चैन की दुआ की। अंजुमनों के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह द्वार बनाए गए थे, तो कई स्थानों पर नातिया पेश करने वाली अंजुमनों को उपहार देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन के लिए अंजुमनों ने अपनी ओर से एक दिन पहले ही तैयारी पूरी कर ली थी। पर्व को देखते हुए जगह-जगह पंडाल व स्वागत द्वार बनाए गए थे और विभिन्न मोहल्लों की अंजुमनों की ओर से अपने क्षेत्र में आकर्षक सजावट की गई थी। दोपहर होने के साथ निस्वां कालेज परिसर में अंजुमनों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सभी अंजुमनों के पहुंचने के बाद नात पढ़ते हुए जुलूस निकाला गया। जुलूस पहाड़पुर, शिब्ली चैराहा, तकिया, कोट, टेढ़िया मस्जिद, बाजबहादुर, किला कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चैक पहुंचा। वहां सलाम पढ़ने और अमन-चैन की दुआ के बाद पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, पांडेय बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचीं, जहां मौलाना ने तकरीर पेश की। उधर जुलूस में शामिल अंजुमनों के जलपान के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए गए थे। यहां पर चाय-काफी के अलावा सभी अंजुमनों को उपहार भी प्रदान किया जा रहा था। अंजुमन गुरुटोला के अध्यक्ष मोहम्मद अफजल, डॉक्टर इतेशाम शिबली ,रजी आलम राजू, सलीम इदरीसी, जावेद पप्पू इदरीसी, साबिर इदरीसी, शाकिब इदरीसी, जफर आलम पल्लू, इस्तेयाक नाटे इदरीसी, सरताज इदरीसी, सालिम गुड्डू इदरीसी, भोलू पसमांदा, रेहान इदरीसी, असफाक सोनू इदरीसी ने अपनी अंजुमन की ओर से सभी के लिए उपहार की व्यवस्था की थी। दूसरी ओर एहतियात के तौर पर सुरक्षा की भी मुकम्मल व्यवस्था थी। जुलूस में आगे-आगे सुरक्षा कर्मी चल रहे थे। महिला पुलिस को भी सुरक्षा में लगाया गया था। सुरक्षा कर्मी जुलसे के रास्ते को खाली कराते आगे बढ़ रहे थे।
आयोजन के लिए अंजुमनों ने अपनी ओर से एक दिन पहले ही तैयारी पूरी कर ली थी। पर्व को देखते हुए जगह-जगह पंडाल व स्वागत द्वार बनाए गए थे और विभिन्न मोहल्लों की अंजुमनों की ओर से अपने क्षेत्र में आकर्षक सजावट की गई थी। दोपहर होने के साथ निस्वां कालेज परिसर में अंजुमनों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सभी अंजुमनों के पहुंचने के बाद नात पढ़ते हुए जुलूस निकाला गया। जुलूस पहाड़पुर, शिब्ली चैराहा, तकिया, कोट, टेढ़िया मस्जिद, बाजबहादुर, किला कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चैक पहुंचा। वहां सलाम पढ़ने और अमन-चैन की दुआ के बाद पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, पांडेय बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचीं, जहां मौलाना ने तकरीर पेश की। उधर जुलूस में शामिल अंजुमनों के जलपान के लिए जगह-जगह स्टाल लगाए गए थे। यहां पर चाय-काफी के अलावा सभी अंजुमनों को उपहार भी प्रदान किया जा रहा था। अंजुमन गुरुटोला के अध्यक्ष मोहम्मद अफजल, डॉक्टर इतेशाम शिबली ,रजी आलम राजू, सलीम इदरीसी, जावेद पप्पू इदरीसी, साबिर इदरीसी, शाकिब इदरीसी, जफर आलम पल्लू, इस्तेयाक नाटे इदरीसी, सरताज इदरीसी, सालिम गुड्डू इदरीसी, भोलू पसमांदा, रेहान इदरीसी, असफाक सोनू इदरीसी ने अपनी अंजुमन की ओर से सभी के लिए उपहार की व्यवस्था की थी। दूसरी ओर एहतियात के तौर पर सुरक्षा की भी मुकम्मल व्यवस्था थी। जुलूस में आगे-आगे सुरक्षा कर्मी चल रहे थे। महिला पुलिस को भी सुरक्षा में लगाया गया था। सुरक्षा कर्मी जुलसे के रास्ते को खाली कराते आगे बढ़ रहे थे।