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निजीकरण के खिलाफ विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन

  बिजली के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन संवाददाता - बागी न्यूज 24     आजमगढ़। क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान...

 बिजली के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

संवाददाता - बागी न्यूज 24   

आजमगढ़। क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान संग्राम समिति, संयुक्त किसान-खेत मजदूर संघ, अ.भा.किसान महासभा, खेत-मजदूर किसान संग्राम समिति, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा आदि किसान संगठनों द्वारा बिजली के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। विरोध प्रदर्शन में किसानों ने बिजली बांध हमारे हैं, हम इन्हें नहीं बिकने देंगें ! ये खंभे तार हमारे हैं, हम इन्हें नहीं बिकने देंगें। सस्ती बिजली, सस्ता पानी। इससे जुड़ी है मजदूर-किसानी।। बिजली के निजीकरण का फैसला वापस लो ! आदि नारे लगाए। किसान संगठनों ने अमर शहीद कुंवर सिंह उद्यान में हुई बैठक में कहा कि उत्तर-प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के निजीकरण का फैसला किसान ही नहीं तमाम मेहनतकश जनता के खिलाफ है। खुद बिजली कर्मचारी लम्बे समय से इसके खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं लेकिन आम उपभोक्ता, मजदूर किसान, कर्मचारी किसी की बात सुनने के बजाय प्रदेश की योगी सरकार तानाशाह की तरह विरोध की हर आवाज को खामोश करने पर आमादा है। अपने पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए मोदी सरकार ने 2020 तक बिजली कानून में तीन बार संशोधन किये थे। दिल्ली की सीमाओं पर चले ऐतिहासिक किसान आन्दोलन ने इन संशोधनों को रद्द करने की माँग की थी और 13 महीनों के बाद मोदी सरकार ने किसान संगठनों से वादा किया था कि किसानों से मशविरा किये बगैर बिजली कानून में कोई संशोधन नहीं करेगी। लेकिन झूठे की जबान कौन पकड़े, सरकार अपने वादे से मुकर गयी और 2022 में कानून में बदलाव करके राज्य सरकारों को बिजली के पूरे निजीकरण का निर्देश दे दिया है।
पिछले रिकॉर्ड बताते हैं कि आज तक देश में जहां कहीं भी बिजली का निजीकरण हुआ है जनपक्षीय नहीं रहा है। इससे बिजली बेहद महंगी हुई और बिजली का बेशकीमती सार्वजनिक व सरकारी ढाँचा निजी कम्पनियों के कब्जे में चला गया। आज जहां करीब 1 रुपए से 4.46 रुपये प्रति यूनिट सरकारी बिजली उपभोक्ताओं को मिलती हैं वहीं जिन राज्यों में बिजली निजी कम्पनियों के हाथों में है वहाँ इसकी दर 17 रुपए प्रति यूनिट तक है। बिजली के निजीकरण से सरकारों को भी हमेशा घाटा ही हुआ है। उत्तर-प्रदेश में ही 2009 में आगरा की बिजली टोरेंट कम्पनी को दे दी गयी थी तो उसने सरकार से सस्ती बिजली लेकर उपभोक्ताओं को महंगी बेचकर भारी मुनाफा कमाया और सरकार को आठ सालों में ही अनुमानतरू 4 हजार करोड़ तक का घाटा हुआ । वर्ष 1996 में बनी अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा सरकार ने अमरीकी कम्पनी एनरॉन के साथ समझौता करके बिजली के निजीकरण की शुरूआत की थी। समझौते की शर्ते ऐसी थी कि एनरॉन से बिजली खरीदे बिना ही महाराष्ट्र सरकार को उसे हजारों करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा था। आज उत्तर प्रदेश में भी बिजली निगमों को बिजली खरीदे बिना ही 6761 करोड़ रुपया हर साल निजी बिजली कम्पनियों को देना पड़ता है। सरकार अपने मित्र पूंजीपतियों के जनविरोधी क्रूर मुनाफे के खेल को पिच देने के लिए सरकारी व सार्वजनिक बिजली उपक्रमों की क्षमता घटाने या बंद करके ध्वस्त होने और निजी उपक्रमों को बढ़ावा देने की नीतियां बना रहीं हैं।सरकारों ने लगातार निजी बिजली कम्पनियों के पक्ष में नीतियों बनाकर सरकारी व सार्वजनिक बिजली निगमों को संकट में फंसाया है ताकि संकट के बहाने निजीकरण करने में आसानी हो।

किसान संगठनों ने अपने ज्ञापन में 7 सूत्री मांग रखी हैं। 1.उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल और पूर्वाचल वितरण निगमों के निजीकरण पर पूर्ण रोक लगे। 2. सभी ग्रामीण उपभोक्ताओं को हर महीना 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाए। योगी सरकार अपने चुनावी वादे को पूरा करे और ट्यूबवेलों को मुफ्त बिजली दे। 3. स्मार्ट मीटर योजना रद्द की जाए। 4. किसानों के ट्यूबवेलों को 18 घंटे बिना शर्त बिजली की आपूर्ति की जाए। 5.कनेक्शन चार्ज, लाइन, ट्रांसफार्मर, बिलिंग मीटर, कनेक्शन काटने व जोड़ने, तमाम अधिभार आदि उपभोक्ताओं से वसूलना बन्द किया जाए। 6. निजी कम्पनियों से महंगी बिजली खरीदना बंद किया जाए। 7. बिजली विभाग में कर्मचारियों पर थोपी गयी श्रमिक विरोधी नयी सेवा नियमावली वापस लिया जाए। सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाय। बैठक को रामनयन यादव, रामराज, राजेश आजाद, दुखहरन सत्यार्थी, कामरेड नंदलाल, का रामकुमार यादव, का विनोद सिंह, रामचंद्र, रामाश्रय यादव, हरिहर, विनय कुमार उपाध्याय, लालजी, बैरागी, श्रेय यादव, सूबेदार यादव, निर्मल प्रधान, लक्ष्मी आदि ने संबोधित किया। बैठक का संचालन राजेश आजाद और अध्यक्षता विनय कुमार उपाध्याय ने किया।

"BAGI News 24" Chief Editor Abdul Kaidir "Baaghi", Bureau Office –District Cooperative Federation Building, backside Collectorate Police Station, Civil Line, Azamgarh, Uttar Pradesh, India, Pin Number – 276001 E-mail Address – baginews24@gmail.com, Mobile Number - +91 9415370695












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