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रंग महोत्सव आजमगढ़ को सांस्कृतिक शहर बनाने की तरफ अग्रसर है : कृष्णमोहन त्रिपाठी

     पूर्वांचल के शिक्षाविद पंडित बजरंग त्रिपाठी की स्मृति में रंग महोत्सव का आयोजन किया गया संवाददाता - बागी न्यूज 24   आजमगढ़ l रंगमंच एवं...

     पूर्वांचल के शिक्षाविद पंडित बजरंग त्रिपाठी की स्मृति में रंग महोत्सव का आयोजन किया गया

संवाददाता - बागी न्यूज 24  

आजमगढ़ l रंगमंच एवं ललित कलाओं के क्षेत्र में समर्पित  हुनर सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था  द्वारा पिछले  24 वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे हुनर रंग महोत्सव के पांचवे अन्तिम दिन का उद्धघाटन  माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर चिल्ड्रेन कॉलेज के प्रबंधक कृष्णमोहन त्रिपाठी, भाजपा नेता अखिलेश मिश्रा गुड्डू, सर्वोदय ग्रुप ऑफ़ एजूकेशनल इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद यादव रमाकांत वर्मा गौरव अग्रवाल नें किया,  पूर्वांचल के शिक्षा विद पंडित बजरंग त्रिपाठी की स्मृति में यह आयोजन श्री अग्रसेन महिला महाविद्यालय  में चल रहा है जिसका आज अन्तिम दिन है। आए हुए अतिथियों का स्वागत स्वागताध्यक्ष अभिषेक जायसवाल दीनू , संस्थान अध्यक्ष मनोज यादव  ने किया। चिल्ड्रेन कॉलेज के प्रबंधक कृष्णमोहन त्रिपाठी  ने कहा कि निःसंदेह यह रंग महोत्सव आजमगढ़ को सांस्कृतिक शहर बनाने की तरफ अग्रसर कर रहा है। हुनर का यह प्रयास सराहनीय है और देश भर के कलाकारों ने आजमगढ़ आकर जनपद का मान बढ़ाया है। महोत्सव के पहले सत्र में सन्देश सांस्कृतिक मंच  फ़िरोज़ाबाद द्वारा  बाप और बेटी के रिश्ते पर आधारित नाटक सम्बोधन का भावपुर्ण मंचन हुआ। नाटक की कहानी बस इतनी सी है की नाटक का मुख्य पात्र राजेश्वर और श्रद्धा दोनों ने प्रेम विवाह किया फिर शुरू होती है। रिश्तो की कशमकश।  दोनों ही एक दूसरे से बेइंतहा प्रेम करते हैं। परंतु कुछ तो ऐसी स्थिति है.। जो दोनों के बीच में शून्य को जन्म दे रही। यह  इतनी अधिक हो जाती है कि दोनों एक दूसरे से जुदा हो जाते हैं। यह नाटक वर्तमान और भूत दोनों में समानांतर रूप से चलता है। वर्तमान में राज और श्रद्धा की बेटी अपने बाप से  नाराज है. और भूतकाल में  राज  श्रद्धा के प्रति एक दूसरे से अपनी प्रेम अपनी शिकायत लेकर आते हैं। नाटक की लेखनी की खास बात यह है कि सभी पात्रों की अपनी अपनी शिकायत अपनी अपनी जगह सही है। कोई भी  अपनी जगह गलत नहीं है।दूसरी प्रस्तुति मुंसी प्रेमचंद की कालजयी रचना गोदान थी। झारखंड सांस्कृतिक मंच जमशेदपुर झारखंड के कलाकारों ने शिवलाल सागर के निर्देशन में किया। तत्पश्चात शुरू हुआ नृत्यो का दौर, जिसमे नृत्य कला केंद्र कोलकाता के कलाकारों द्वारा लोकनृत्यो के साथ जनपद मे पहली बार मदर्श डान्स  हुवा. जिसे दर्शकों ने खूब साराहा । रॉकिंग डांस ग्रुप कैमूर बिहार के कलाकारों ने भूताकोला और बॉलीवुड डान्स  की धमाकेदार प्रस्तुति किया।  पुरस्कार वितरण के साथ आंखों में आंसू और फिर मिलने अगले वर्ष आने के  वादे के साथ कलाकारों ने एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देते हुए आयोजन से विदा लिया। इस अवसर पर अनूप अग्रवाल सुनील अग्रवाल, रमाकांत वर्मा,  प्रमोद कुमार सिंह,गजराज प्रसाद, सुनील कुमार मौर्या, रिमझिम प्रजापति, आस्था दुबे, तारा  रितिका,  डॉ पंकज सिंह,  संतोष कुमार सिंह, अभिषेक राय तोशी, कमलेश  सोनकर, राज पासवान, दीपक जायसवाल,  रवि गोंड समेत सभी  लोग उपस्थित।






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