. आजमगढ़ l राहुल सांकृत्यायन स्मिति केन्द्र के तत्वाधान में विगत 40 वर्षो से महापंण्डित राहुल सांकृत्यायन जी की जयन्ती मनायी जाती रही है। ...
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आजमगढ़ l राहुल सांकृत्यायन स्मिति केन्द्र के तत्वाधान में विगत 40 वर्षो से महापंण्डित राहुल सांकृत्यायन जी की जयन्ती मनायी जाती रही है। इस वर्ष भी उनके जन्म दिवस 9 अप्रैल उनके मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। माल्यापर्ण करने वालों में प्रभुनारायण पाण्डेय ‘‘प्रेमी‘‘, महामंत्री निशिथ रंजन तिवारी, उपाध्यक्ष संजय कुमार पाण्डेय आदि लोग थे।
तत्पश्चात शिवम् उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राहुल नगर मड़या आजमगढ़ के सभागार में 2 बजे संगोष्टि एवं काव्य गोष्ठि का आयोजन किया गया है। जिसकी अध्यक्षता बीर रस के कवि देवमणी त्रिपाठी ‘‘अंगार‘‘ ने किया तथा संचालन संस्था के अध्यक्ष प्रभुनारायण पाण्डेय ‘‘प्रेमी‘‘, ने किया। मुख्य अतिथि राधेश्याम उप परिवहन आयुक्त/आर0टी0ओ0 रहे। विशिष्ठ अतिथि अतुल कुमार यादव ए0आर0टी0ओ0 जी रहे
सर्वप्रथम कवियित्री आशा सिंह ने वाणी वंदना और गजल सुनाकर कविता का माहौल बनाया।
संजय कुमार पाण्डेय सामयिक रचना सुनाकर लोगांे को प्रभावित किया।
विजेन्द्र श्रीवास्तव ने गरीबी पर रचना सुनाकर लोगों का ध्यान गरीबों की तरफ आकर्षित किया।
कवियित्री सरोज यादव ने अपने हिस्से का भी काव्य पाठ किया।
बीर रस के कवि देवमणि त्रिपाठी ‘‘अंगार‘‘ ने बीर रस की कविता सुनाकर लोगों में जोश पैदा कर दिया।
प्रभुनारायण पाण्डेय ‘‘प्रेमी‘‘,ने अपनी कविता शहीदों के प्रति तुमको मेरा प्रणाम, मुल्क पर मरने वाले सुनाकर राष्ट्रीयता के गहरे वातावरण सांस लेने के लिए मजबूर कर दिया।
मुख्य अतिथि राधेश्याम जी ने कहा कि महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन महान स्वतंत्रता सेनानी रहे जो 36 भाषाओं के ज्ञात थे। वह घुुमक्कड़ था और घुमक्कड़ शास्त्र भी लिखा। सैर कर दुनिया के गाफिल, जिन्दगानी फिर कहा, जिन्दगी भी गैर रही तो नौजवानी फिर कहॉ। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला l