संवाददाता - बागी न्यूज 24 उत्तर प्रदेश के लिए कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से होकर गुजरता है. लोकसभा की सबसे ज्यादा...
संवाददाता - बागी न्यूज 24
उत्तर प्रदेश के लिए कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से होकर गुजरता है. लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें यूपी में ही हैं. इस बार यूपी में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के घटक दल के तौर पर चुनाव लड़ा. इंडिया गठबंधन को 80 में से 43 सीटों पर जीत मिली. जिसमें से सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटें पर विजय हासिल की है.
2014-2019 में हो गया था बुरा हाल
2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी. जोकि रायबरेली की ही सीट थी. जहां से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जीती थीं. वहीं 2014 के चुनाव में कांग्रेस को यूपी में केवल अमेठी और रायबरेली में जीत नसीब हुई थी. दक्षिण भारत में कांग्रेस मजबूत ही रही है. ऐसे में अब पार्टी यूपी पर ज्यादा ध्यान देना चाहती है.
गांधी परिवार का गढ़ है रायबरेली
इसके अलावा रायबरेली गांधी परिवार की पारंपरिक सीट भी रही है. या इसे कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ भी कहा जा सकता है. 1967 से 1977 तक, यह सीट पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास थी, और 2004 से 2024 में राज्यसभा में उनकी नियुक्ति तक, ये सीट सोनिया गांधी के पास रही. ऐसे में राहुल गांधी का रायबरेली को बरकरार रखने का ये भी एक कारण हो सकता है.
प्रियंका गांधी के लिए चुनी सुरक्षित सीट?
वहीं, वायनाड सीट खाली होने के साथ कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के चुनावी डेब्यू की भी घोषणा कर दी है. 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड से बड़ी जीत हासिल की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को रायबरेली लोकसभा सीट बरकरार रखने का फैसला किया. उन्होंने ऐलान किया कि केरल की वायनाड सीट से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) चुनाव लड़ेंगी. राहुल गांधी ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में उन्हें एक सीट खाली करनी थी.
राहुल गांधी के इस फैसले के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस को यूपी में लंबे समय बाद बड़ी सफलता मिली है. ऐसे में पार्टी राज्य में अपना जनाधार मजबूत रखना चाह रही है. क्योंकि पिछले कई विधानसभा और लोकसभा चुनावों में यूपी के अंदर कांग्रेस को बड़ी सफलता नहीं मिली थी.