संवाददाता - बागी न्यूज 24 आजमगढ़। जिले के सभी ब्लॉक तहसील गांव में आज जीवित्पुत्रिका व्रत का त्यौहार सभी माताओं क...
संवाददाता - बागी न्यूज 24
आजमगढ़। जिले के सभी ब्लॉक तहसील गांव में आज जीवित्पुत्रिका व्रत का त्यौहार सभी माताओं के द्वारा बड़ी धूमधाम के साथ गाजे बाजे के साथ मंदिरों की तरफ माताएं जाती हुई देखी गई जिसमें निर्जला (बिना पानी के) उपवास पूरे दिन पड़ी रही और माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र, एवं कल्याण के लिए मनाती है। बिक्रम संवत के आश्विन माह में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक यह त्यौहार मनाने की प्रथा है इसके पीछे कहानी यह है कि भगवान श्री कृष्ण की कृपा से उतरा के बच्चे को कुछ नहीं हुआ। इस घटना के बाद उतरा के पुत्र का नाम जीवित्पुत्री का नाम दिया गया। यही पुत्र आगे चलकर परीक्षित बने ऐसा माना जाता है कि तभी से सभी माताए संतान की लंबी उम्र के लिए ही जितिया व्रत रखती है और माताएं अपने बच्चे की अच्छी सेहत के लिए जितिया का त्योहार आज बरसों से मनाती हुई चली आ रही है व्रत रखने वाली महिलाएं लाल और पीले रंग के धागे को धारण करती हैं,
जितिया व्रत पूरे दिन और पूरी रात निर्जला उपवास रखने का विधान है. इस दिन गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा करने की परंपरा है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ से एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था. तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता है मान्यता यह भी है कि त्योहार के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पानी ग्रहण करती है। इस तरह से बस्ती भुजबल बाजार शिव शंकर घाट दाढ़ी बाबा के नाम से मशहूर मंदिर बगल में सटा हुआ आप प्राथमिक विद्यालय दोनों स्थानों पर मिलाकर बाजार और गांव से महिलाओं की संख्या यहां पर लगभग हजारों की संख्या में उम्र जाती है इस स्थान पर दिन में लोग 2रू00 बजे से ही पूजा पाठ शुरू कर देते हैं रात 9रू00 बजे तक चलता रहता है सबसे बड़ी विशेषता यहां पर यह है कि शिव मंदिर का स्थान पोखरा पर बना हुआ बैंक की सीढ़ियां विद्यालय में पीपल का वृक्ष चारों तरफ से लगी हुई चहर दीवारी बाजार इस स्थान की शोभा बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ता इस पूजा में उपस्थित महिलाएं गीता यादव ज्योति मोदनवाल रेनू मोदनवाल रीता मोदनवाल शीला गुप्ता वंदना मोदनवाल रेखा मोदनवाल चंदा देवी आदि।
जितिया व्रत पूरे दिन और पूरी रात निर्जला उपवास रखने का विधान है. इस दिन गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा करने की परंपरा है. पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ से एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था. तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाता है मान्यता यह भी है कि त्योहार के पहले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले जागकर स्नान करके पूजा करती हैं और फिर एक बार भोजन ग्रहण करती हैं और उसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं दूसरे दिन सुबह-सवेरे स्नान के बाद महिलाएं पूजा-पाठ करती हैं और फिर पानी ग्रहण करती है। इस तरह से बस्ती भुजबल बाजार शिव शंकर घाट दाढ़ी बाबा के नाम से मशहूर मंदिर बगल में सटा हुआ आप प्राथमिक विद्यालय दोनों स्थानों पर मिलाकर बाजार और गांव से महिलाओं की संख्या यहां पर लगभग हजारों की संख्या में उम्र जाती है इस स्थान पर दिन में लोग 2रू00 बजे से ही पूजा पाठ शुरू कर देते हैं रात 9रू00 बजे तक चलता रहता है सबसे बड़ी विशेषता यहां पर यह है कि शिव मंदिर का स्थान पोखरा पर बना हुआ बैंक की सीढ़ियां विद्यालय में पीपल का वृक्ष चारों तरफ से लगी हुई चहर दीवारी बाजार इस स्थान की शोभा बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ता इस पूजा में उपस्थित महिलाएं गीता यादव ज्योति मोदनवाल रेनू मोदनवाल रीता मोदनवाल शीला गुप्ता वंदना मोदनवाल रेखा मोदनवाल चंदा देवी आदि।